की कमाई पर हाथ साफ कर रहा है और नए नए तरीके से जनता को त्रस्त और अपने अधीनस्त पुलिस कर्मी को मस्त करते हुए न सिर्फ बेख़ौफ़ अपराध को बढ़ावा दे रहा बल्कि जाँच के नाम पे किरायेदारी या जमीनी विवाद या पारिवारिक विवाद या फर्जी अपराधिक् मुकददमा दर्ज करवाकर न सिर्फ जनता का ही खून चूस रहा है बल्कि विभागीय पुलिस कर्मियों का भी खून चूसता नजर आता है। नाम ना छपने की सर्त पर एक पुलिस कर्मी ने प्रीत टाइम्स संवाददाता को बताया की साहब पहले तो दो या तीन किलो ही बेनी की इमरती मगवाते थे। हैरानी तो उसे तब हुई जब साहब ने इकठ्ठा 30 किलो इमरती पहुंचाने का आदेश दे दिया। इस बात से यह साबित हो रहा है कि इस भ्रष्ट अधिकारी से ना सिर्फ जनता त्रस्त है बल्कि विभाग में पुलिस कर्मी भी त्रस्त और साहब मस्त नजर आते है।
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