और भ्रष्टाचारियो से समझौता न करना और पुलिस
अधिकारियो पर दोबारा 156 ( 3 )के तहत मुकद्दमा दर्ज करवाना आख़िरकार काफी महगा
पड़ा। जिसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस के भ्रष्ट अधिकरियो ने सर्व प्रथम
पत्रकार की जन्मकुंडली को खगालना शुरू किया। कुण्डली में तीन पुस्त कही से
भी शुक्र ,शनि ,और राहु ,केतु की विपरीत स्थित न मिलने पर अपराधिक पारा
बढ़ाने की दृष्टि से पत्रकार के विरोधियो स्वरूप राहु, केतू को पीछे लगा दिया।
जिसकी शुरुआत 21 जनवरी 2017 से शुरू हुई जिसमे पूर्व सभासद पति बना मोहरा
,दूसरी बार 15 जुलाई 2018 को अपराधी ,उदण्ड प्रवृति का सभासद पुत्र बना
मोहरा जो कई बार जेल जा चुका है। तीसरी घटना पुनः दिनांक 10 जून 2019 को
पुनः उसी सभासद पुत्र और एस आई श्री प्रकाश राय और अधिकारियो ने षड़यंत्र के तहत सभासद
की पट्टीदार निवासी बल्लोचटोला स्थित पार्लर संचालिका तथा प्रगतिशील पार्टी की
कार्यकत्री और उसकी विधवा माँ के द्वारा अपनी जीवित सवत (पहली पत्नी ) के
सिपाह स्थित हिस्से पर जबरन ,अविधिक रूप से कब्जे का कुचित प्रयास तथा असफल होने पर
घृड़ित आरोप गाली देना ,मारना ,दौड़ाना ,कपडा फाड़ना ,घर में घुसना इत्यादि लगवाकर पुलिस अधिकारी के सहयोग से पत्रकार ,पिता ,भाई और
पुत्रो पर फर्जी मुकदद्मा अपराध संख्या 147 ,148 ,354 क ,354 घ ,323 ,504
,506 के तहत दर्ज करवाया जो निराधार है। पुलिस अधिकारी द्वारा सुबूत और
साक्ष्य को अनदेखा कर पत्रकार को अपराधी बनाने और साबित करने के घृड़ित
सोच से न सिर्फ कलमकार को बल्कि उनकी अगली पुस्त को भी कलम करने का
घिनौना खेल खेल रही है।जबकि पूरा घटनाक्रम सी.सी.टी वी कैमरे में कैद है
जो आरोपों की कलई खोलता नजर आता है। जबकि फर्जी और मनमर्जी एफ.आई.आर.के बलपर
एक कलमकार की लेखनी और आवाज को नेस्तनाबूत करने का घिनौना खेल न सिर्फ
पत्रकार जगत को बल्कि समूचे समाज को कलंकित करता नजर आता है जो चिंता का
विषय है।

Yogi sarkar mein police belagaam
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