जौनपुर। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में बेख़ौफ़ पुलिस कर्मी अपने चहेते अधिकारियो के रहमोकरम पर आज
भी अपराध का परचम लहराते नजर आते है। इसी कड़ी में टिक टाक बना रहे एक किशोर की जान चली गयी। उसकी मौत किसी हादसे के कारण नही बल्की पुलिस की भ्रष्टाचारी योजना अंतर्गत प्रताड़ना के चलते हुई। परिजनो का आरोप है कि टिक टाक बनाने के लिए पुलिस ने उसे पीटा उसके बाद हम लोगो से बीस हजार रूपये वसूली करने का दबाव बनाया जिसके कारण उसने फांसी लगा जान दे दिया। युवक की मौत होने की खबर मिलते ही मोहल्ले वालो में आक्रोश व्याप्त हो गया है । बताते हैं कि शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के मुल्लाटोला मोहल्ले के निवासी असलम का 18 वर्षीय पुत्र राजू अपने पिता के साथ पेंटर का काम करता था । शनिवार को वह काम पर न जाकर गोमती नदी के किनारे अली घाट पर कैमरा लेकर टिक टाक बनाने चला गया। वह टिक टाक बना रहा था इसी बीच डायल 112 की पुलिस मौके पर पहुंचकर उसकी पिटाई करके उसके घर ले गयी । परिवार वालो को उसे लड़की से छेड़छाड़ की बात बताकर जेल भेजने की धमकी देकर दो हजार रूपये वसूली के बाद राजू का मोबाइल लेकर पुलिस वाले चले गये। लेकिन कुछ ही देर बाद वही पुलिस वाले वापस लौटकर पिता पर शाम तक 18 हजार रूपये अतिरिक्त देने का दबाव बनाने लगे पैसा न देने पर उसके बेटे को जेल भेजने की धमकी दिया। अपने बेटे को जेल न जाने से बचाने के लिए मां बैंक से पैसा निकालने चली गयी। इसी बीच पुलिस की दहशत से भयभीत राजू ने कमरा बंद करके पंखे के सहारे फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। बेटे की मौत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। पिता ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है। जबकि जिले में यह पहला मामला नहीं है कई मासूम और होनहार जिन्दगिया इसी तरह मौत के मुहाने तक पहुंचाए जा चुकी है। प्रीत टाइम्स के अनुसार अगर लड़के ने कोई अपराध किया था तो उसे थाने ले जाना चाहिए था। थाने की जगह घर ले जाना पुलिस की भ्रष्टाचारी योजना के साथ परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को सही सिद्ध साबित करती है। अब देखना यह है की बेबस ,कमजोर ,व्यवसाई ,वकील ,पत्रकार ,लाचार पर जुल्म और अत्याचार ढाने की आदि पुलिस पर कार्यवाही होगी या हमेशा की भांति खाखी पे लगे बदनुमा दाग को मिटाया जायेगा। यह चिंता के साथ साथ जाँच का विषय है।
12 year pahale bhi kamal nishad naam ka boy polish ki dadane se fashi laga ke mar gaya tha
ReplyDeleteShekhapur ka tha bahut samrt boy aase hi dara damka ke mukadama me fasane ko bolakar ghar walo se piasha liye aur jab mar gaya garib hone ke nate koi karwai polish walo ke uapar kuch bhi nahi huaa
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