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Friday, 21 January 2022

भाजपा सरकार में पशु तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पत्रकार को बनाया गुंडा एक्ट का आरोपी

 जौनपुर। जनपद में खुलेआम अपराध का परचम लहरा रहे अपराधियों को छोड़कर पुलिस की निरंतर हो रही फर्जी मुठभेड़  पुलिस और पत्रकार कि रार और तकरार का प्रमुख कारण नजर आती है।  एक तरफ अपराध का शिकार हुए लोगों की तहरीर धूल फाकती है सीसीटीवी कैमरों में कैद चोर, डकैत को पुलिस हाथ नहीं लगाती है वहीं दूसरी तरफ गैर जनपद के चोरों का खुलासा करके अपनी पीठ थपथपाती  है जो  जांच के साथ-साथ चिंता का विषय नजर आता है।जनपद में पुलिस के कमासुत लाल बन चुके अपराधी  और उनके अपराध  का खुलासा कर रहे निष्पक्ष पत्रकारों को हलाल करने वाली  पुलिस का अत्याचार और जुल्मों सितम बदस्तूर जारी नजर आता है जिस कारण लालफीताशाही के आगोश में मदहोश होकर पुलिसकर्मी न सिर्फ पत्रकारों पर फर्जी मुकदमों की बौछार कर रहे है बल्कि उनको सबक सिखाने और वर्दी की हनक दिखाने

हेतु खुलेआम दिनदहाड़े अपराध की पराकाष्ठा को लांघते  हुए उच्च अधिकारियों के सानिध्य और अगुवाई में प्रेस कार्यालय मे तोड़फोड़ के साथ साथ कर्मचारियों तथा परिजनों को बंधक बनाकर दिनदहाड़े वर्दी में लूट की जाती है। पुलिस की हिटलर शाही और हैरतअंगेज कार्रवाई महकमे को शर्मसार करती नजर आता है जहां व्यवसाई ,व्यापारी, शरीफ, इज्जतदार के साथ-साथ वकील और पत्रकार को भी समाज के लिए भयावह खतरा बताकर  अपराध का शिकार किया जाता है। शाहगंज थाना अंतर्गत निर्विघ्नं रूप से संचालित हो रहे अवैध बूचड़खाना तथा गो तस्करी का खुलासा कर रहे साधना न्यूज़ के पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव पुलिस के कोप  भजन का शिकार नजर आए जिन पर पुलिसिया फंडा और कानूनी हथकंडा अपनाते हुए शाहगंज  पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्यवाही शुरू कर दिया। 

   कल तक प्रेस वार्ता के दौरान लगातार सम्मान में मिष्ठान और समोसा का परोसा संचालित करती चली आ


रही  पुलिस को अब एक पत्रकार अपराधी नजर आने लगा।  अपराधिक व्यापार को कानूनी सुरक्षा की खातिर पत्रकार को समाज के लिए भयावह खतरा बताकर पुलिस  अपनी पीठ थपथपा रही है ।पत्रकार के ऊपर की गई गुंडा एक्ट की कार्यवाही को लेकर पत्रकारों में काफी आक्रोश व्याप्त नजर आता है। 

1 comment:

  1. बिल्कुल सही कह रहे हैं सर आप आजकल प्रशासन आरोपीयों को सही और सज्जन लोगों को आरोपी बनाने में लगी हुई है। ऐसे लाल फ़ीताशाही प्रशासन का मैं स्वयं शिकार हूँ, जौनपुर सी. ओ. रणविजय सिंह जी ने बिना जाँच पड़ताल किए बगैर मुझे और मेरे परिवार समेत 7 लोगों पर एससी एसटी लगा दिया। जब न्याय के रखवाले ही अन्याय कर रहे हैं तो न्याय की आशा करना अपनी जान जोखिम में डालने के बरबार है।

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