Sunday, 30 June 2024
भाजपा की सत्यानाशी बनीं उत्तर प्रदेश पुलिस
लखनऊ। पत्रकारिता जगत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रथम ताजपोसी के एक सप्ताह पूर्व पुलिस महकमें में वह दहशत देखी गई जो अखिलेश और मायावती के कार्यकाल में भी नहीं थी। जनपद वार मैसेज के माध्यम से संचालित हो रही खबरों का संज्ञान डायरेक्ट डीजीपी कार्यालय तक लिया जाता था जिसके पश्चात तुरंत संबंधित जनपद के पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा पीड़ित से त्वरित सूचना प्राप्त कर समस्या का निदान कराया जाने लगा समय के अंतराल पर ताजपोशी के एक सप्ताह बाद ही यह प्रक्रिया विलुप्त सी होती चली गई । हालात इस कदर बाद से बदतर हुए कि भाजपा के विधायक और सांसद भी बेबस लाचार से नजर आने लगे जनमानस की समस्याओं को लेकर अधिकारियों की चौखट पर पहुंचने वाले जिला प्रतिनिधियों के पिछवाड़े पर लठमार प्रतियोगिता का संचालन होने लगा। एक तरफ बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा और उनके परिजन बेबस लाचार नजर आए तो वहीं दूसरी तरफ रुपया लेकर दर्ज होने वाला फर्जी और मनमर्जी मुकदमा 50 हजार के पार जा पहुंचा। सच्ची खबर लिखने वाले पत्रकारों का नरसंहार होने लगा। शरीफ़, बेबस,लाचार, वकील , पत्रकार और होनहार जिंदगियों को पुलिस नील गाय की तरह कानूनी नाक फाश में फांस कर चरने लगी । दिनदहाड़े पेशेवर अपराधी जनता को लूटने लगे और रात के अंधेरे में पुलिस आरोपियों से मुठभेड़ करने लगी। हालात इस कदर बद से बद्तर हुए की माननीय उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए हाहाकार मच गई। पुलिस संरक्षण में पेशेवर अपराधी खुले आम आपराधिक वारदात को अंजाम देने लगे जिनकी एफआईआर दर्ज करवाने में लोगों को नानी याद आने लगी वहीं फर्जी और मनमर्जी मुठभेड़ में आरोपियों को जेल भेजने का कीर्तिमान शवाब पर आने लगा। पुलिस के नाग फांस में फसी जिंदगिया जुर्म नहीं कबूल करने की अवस्था में मौत का शिकार होने लगी। प्रशासनिक से लेकर पुलिस अधिकारियों के पैसे भू माफियाओं को समर्पित होने लगे जिस कारण औने पौने दामों पर कीमती जमीनों का खरीद फरोख्त जमकर होने लगी और आनाकानी करने वालों को मौत के मुहाने लगाकर उनके परिजनों पर गंदा आरोप मढ़कर एक तीर से कई निशाने साधे जाने लगे जबकि वहीं कुछ लोगों पर सरकारी जमीन का कब्जा दिखाकर बुलडोजर की कार्यवाही संचालित की जाती रही। सरकार जीरो टॉलरेंस नीति का दावा पेश करती रही तो वहीं भ्रष्टाचार की कीमत चरम पर जा पहुंची । आत्महत्या करने वाले जोड़ों के परिजन भी लाख दो लाख देकर ही पुलिस की पकड़ से अपनी जान बचा पाते थे गरीबों की स्थिति में बगैर जुर्म की अपराध की सूली पर चढ़ जाते थे । लचर तंत्र का फायदा उठाते हुए जनपद जौनपुर में अपर पुलिस अधीक्षक रहे डॉक्टर अनिल कुमार पांडे और डॉक्टर संजय कुमार स्वयंभू माफिया बन बैठे अनिल पांडे ने शहर कोतवाली थाना अंतर्गत स्थित छोटा काशी नमक ट्रस्ट का संचालन किया तो वहीं संजय कुमार ने रामघाट स्थित मां काली ट्रस्ट को रूप प्रदान किया ।विरोध करने वाले शरीफ, इज्जतदार गुंडा और गैंगस्टर के आरोपी बनाए जाने लगे। इनके संरक्षण में शहर कोतवाल और लाइन बाजार पुलिस दिनदहाड़े संस्थानों में लूटपाट करने लगी । अपराध का शिकार होने वालों की सुनने वाला कहीं पर भी कोई नजर नहीं आया। इसके साथ-साथ वन माफिया,गौ तस्कर , ड्रग तस्कर और भू माफिया तथा पेशेवर अपराधी दिन रात अपराध मुक्त कहे जाने वाले प्रदेश में अपराध का जयकारा लगाते रहे। पीड़ित, बेबस, लाचार जनमानस कि भाजपा सरकार से लगाई गई सारी उम्मीदें हवा हवाई नजर आयी । जिस कारण लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 में जनता ने बड़े बदलाव की ठानी और इवीएम की समस्या को चुस्त दुरुस्त करते हुए माननीय मुख्य न्याय मूर्ति उच्चतम न्यायालय ने स्थिरता के साथ निष्पक्षता का भी सहयोग प्रदान किया जिस कारण शांतिपूर्ण माहौल में संपादित हुए चुनावी पर्व के पश्चात हासिल हुए आंकड़ों ने भाजपा की नींद को उखाड़ कर रख दिया।
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