Friday, 7 June 2024

पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्याकाण्ड का चालक गिरफ्तार

जौनपुर। गौ तस्करों और भूमाफियाओं का खुला विरोध करने पर शाहगंज कोतवाली थाना क्षेत्र में 13 मई 2024 को समय 09.30 बजे इमरानगंज सबरहद मोड़ पर शूटरों द्वारा अपाचे मोटरसाइकिल का प्रयोग कर पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव पुत्र स्व0 योगेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव निवासी ग्राम सबरहद थाना शाहगंज की गोली मारकर हत्या की गयी थी। जिसके सम्बन्ध में वादी मुकदमा संतोष श्रीवास्तव द्वारा दिनांक 14 मई 2024 को 04 नामजद अपराधिक षंड़यत्र करने वाले एवं अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया। पुलिस ने घटना का अनावरण करते हुये  हत्या में नामित अभियुक्त जमीरूद्दीन पुत्र स्व0 हनीफ कुरैशी निवासी ग्राम सबरहद थाना शाहगंज को 24 घंटे के अंदर महाराष्ट्र से गिरफ्तार फिर फरार तथा पुनः गिरफ्तार कर दिनांक 21 मई 2024 को जेल भेजा गया एवं जेल में रहकर हत्या के साजिशकर्ता अपराधी मो0 हाशिम पुत्र वाहिद निवासी ग्राम रसुलपुर, सबरहद थाना शाहगंज जो वर्ष 2022 में ग्राम सबरहद में हुई हत्या के मामले में पूर्व से जेल में था पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त का पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्या काण्ड में माननीय न्यायालय से रिमाण्ड प्राप्त किया गया।


पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्या के मुख्य शूटर/गोली मारने वाला अपराध की दुनिया में पूर्वाचंल का अंतरप्रान्तीय कुख्यात अपराधी प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिन्स सिहं पुत्र प्रेम नारायण सिहं निवासी ग्राम नेवादा ईश्वरी सिंह थाना सरायख्वाजा जनपद जौनपुर दिनांक 05 मई 2024 को थाना खेतासराय क्षेत्र अन्तर्गत पुलिस ने मुठभेढ में मार गिराया  जिसकी अस्पताल मे अमृत घोषित किया गया। पुलिस राम कहानी के अनुसार प्रिंस के विरुद्ध हत्या, लूट, डकैती के 39 मामले दर्ज हैं। पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्या के मामले में शूटर कुख्यात अपराधी प्रशान्त सिहं उर्फ प्रिन्स सिहं का सहयोगी गाडी चलाने वाला अपराधी नीतीश कुमार राय पुत्र सत्येन्द्र राय निवासी ग्राम बछउर थाना जियनपुर जिला आजमगढ़ चोरी की सफेद रंग की अपाचे मोटरसाइकिल जिससे घटना कारित की गयी थी उसे दिनांक 07 मई 2024 को समय 00.20 बजे  मलमल पुलिया आजमगढ रोड से गिरफ्तार किया गया।


अभियुक्त के कब्जे से फर्जी नम्बर प्लेट की अपाचे मोटरसाइकिल जिसका चेचिस न. का 02 अंक मिटाया गया है चोरी की अपाचे मोटरसाइकिल जो अक्टूबर वर्ष 2022 थाना राबर्टसगंज जनपद सोनभद्र से चोरी हुयी थी को बरामद किया गया। चोरी की मोटरसाइकिल कूटरचित नम्बर प्लेट व चेचिस नम्बर मिटने के सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर मु.अ.सं. 192/24 धारा 419/420/467/468/471/411 भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त नितीश राय पुत्र सत्येन्द्र राय निवासी बच्छौर खुर्द रामगढ़ थाना जीयनपुर जनपद आजमगढ उम्र 23 वर्ष दरियाफ्त पूछने पर बता रहा है कि साहब  मुझे नशा करने की आदत है मैं अपराध की दुनिया में अपना नाम आगे बढाने के लिये इनामिया अपराधी शूटर प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस पुत्र प्रेमनारायन सिंह निवासी नेवादा ईश्वरी सिंह सरायख्वाजा जौनपुर के साथ दोस्ती कर एक साथ अपराध करने लगा। साहब हाल ही में मैंने और प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस ने दिनांक 13 मई 2024 को इमरानगंज बाजार में पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या इसी गाडी से की थी, साहब मैं गाडी चला रहा था गाडी पर पीछे बैठे प्रशान्त सिंह जो दो 9 एमएम की पिस्टल लिये थे इमरानगंज सबरहद मोड पर गोली मारकर हत्या किये। घटना के बाद हम लोग भाग गये। मुझे जानकारी मिली कि प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया की पुलिस मुठभेड में मृत्यु हो गयी है।


पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी ने बताया कि मैं प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस के घर मिलने जा रहा था कि रास्ते में आप लोगों द्वारा पकड लिया गया। साहब जिस पिस्टलों से हम लोगों ने पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या की थी वे पिस्टलें प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया के पास थीं। आशुतोष श्रीवास्तव के हत्या की सुपारी देने वाले के सम्बन्ध में पूछा गया तो बताया कि साहब हत्या की सुपारी प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया लेते थे मैं साथ में रहता था जब हम लोग हत्या करने आ रहे थे तो प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया ने हमें बताया था कि यह सुपारी जमीन प्लाटिंग को लेकर सिकन्दर आलम ने दिया है। सिकन्दर आलम से 10 लाख में हत्या की सुपारी तय हुयी थी जिसमें 50 हजार रूपया मुझे मिला था शेष पैसा बकाया था। सिकन्दर आलम का एक दोस्त मो0 हासिम जो जेल में बन्द है उसी के माध्यम से प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया से भी बात हुयी थी भैया बताये थे कि सिकन्दर आलम, मो0 हासिम के जमीन प्लाटिंग की बात को लेकर आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या करना है प्रिन्स उर्फ प्रशान्त भईया से हम बहुत कुछ नही पूछते थे मुझे प्रशान्त भईया पीने खाने के लिए पाँच हजार रुपया दिये थे जो मोटर साइकिल बरामद हुई इसी को मैं चला रहा था और प्रशान्त भईया पीछे एक झोले में जो पीठ पर टाँगे थे 9 डड की पीस्टल लिये बैठे थे मुझे भईया समझाये थे कि सुदर्शन न्यूज लिखा बूलेट का पीछा करना है और उसी की हत्या करना है जैसे ही बुलेट मेरे सामने से पार हुई मैं बुलेट का पीछा किया प्रशान्त भईया ने अपने बैग में रखे 9 डड पिस्टल से ताबड़तोड़ गोली चलाकर दिनदहाडे हत्या कर दिये। घटना के समय 1 बच्चा वहां था जिसे भईया ने जोर से चिल्लाकर पिस्टल दिखाकर धमकाया उसके बाद हम लोग भाग गये। हमलोग इसी क्षेत्र में घुमफिर कर सुनसान जगहो पर रहते थे। प्रशान्त भईया भाभी को ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ाने की बात करते थे। कहीं भी अचानक बिना बात किये पहुँच जाते थे। जब मुझे जानकारी हुई कि प्रशान्त भईया की पुलिस मुठभेड में मृत्यु हो गयी तो मैं उनके परिवार से आज मिलने जा रहा था कि पकडा गया। सफेद अपाचे  

मोटरसाइकिल से आये थे ये वही मोटर साइकिल है। हम लोग चोरी की मोटर साइकिल का चेसिस नम्बर घिसकर किसी अन्य मोटर साइकिल की नम्बर प्लेट लगाकर घटना को अंजाम देते थे। जब मोटर साइकिल में कोई कमी आती या लगता कि मोटर साइकिल पहचानी जा सकती है तो बेच देते थे। इस प्रकार अपने द्वारा किये गये जुर्मों को स्वीकार करते हुये बार-बार अपनी गलती की माफी मांग रहा है। घटना के बावत ग्राम सबरहद में ग्राम सबरहद में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण/कब्जा और संलिप्तता के सम्बन्ध में कार्यवाही जारी है।


गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम-

निरीक्षक मनोज कुमार ठाकुर प्रभारी निरीक्षक थाना शाहगंज, का.ज्ञान प्रकाश सिहं थाना शाहगंज, का. नीरज कनौजिया थाना शाहगंज, का. राकेश कुमार गुप्ता थाना शाहगंज जौनपुर शामिल रहे।


पुलिस खुलासा सवालों के घेरे में -

पत्रकार आशुतोष कुमार श्रीवास्तव दिल में हिंदुत्व का जज्बा लिए भूमाफियाओं और गौ तस्करों के खिलाफ लगातार समाचार के माध्यम से प्रहार कर रहे थे जो बात पुलिस को भी नागवर लगी। भाजपा सरकार में अपनी अच्छी पकड़ रखने वाले पत्रकार को थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी ने मौखिक रूप से आगाह किया था कि सुधर जाओ वरना मार दिए जाओगे कुल के बावजूद पुलिस के रहमो-करम पर संचालित हो रहे अवैध व्यापार में रोड़ा बन रहे पत्रकार को दिनदहाड़े 13 मई को मौत के घाट उतार दिया गया घटना के 10 घंटे के अंतराल पर ही पुलिस ने मुख्य साजिश कर्ता को मुंबई से गिरफ्तारी का दावा पेश कर दिया तत्पश्चात दो दिन पैरोल पर लेने की बात बताते हुए उसे गिरफ्तार कर ट्रेन से लाते समय खंडवा रेलवे स्टेशन पर पेशाब करने की बात बताकर फरार का दावा पेश किया गया फिर दोबारा उसे गिरफ्तार कर 21 मई 2024 को जेल भेज दिया गया। पुलिस के द्वारा बताए गए मुख्य सरगना की गिरफ्तारी और फरारी तथा पुनः गिरफ्तारी किसी फिल्मी पटकथा से कम नजर नहीं है। पत्रकार के परिजन की तहरीर पर चार नामजद तथा एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था जबकि पुलिस की जद्दोजहद में दो अज्ञात निकल आए। पुलिस मुठभेड़ में मौत का शिकार हुए आरोपी के ऊपर 39 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि दो-तीन फर्जी मुकदमे पंजीकृत करके पुलिस किसी भी शरीफ इज्जतदार बेबस लाचार को गुंडा और गैंगस्टर का आरोपी बताकर उसे जिला बदर कराती है अथवा उसके घर मकान और पैतृक संपत्ति को बुलडोजर से नेस्त नाबूत कर देती है इस अवस्था में 39 मुकदमों के बावजूद क्या शाहगंज पुलिस पत्रकार की हत्या का इंतजार कर रही थी? आखिर पुलिस ने इतने बड़े दुर्दांत अपराधी के खिलाफ बुलडोजर और जेसीबी की प्रक्रिया को क्यों संपन्न नहीं कराया? यह पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा करता है। 5 जून 2024 को पुलिस के हाथों मौत का शिकार हुए दुर्दांत आरोपी प्रिंस ने पत्रकार के हत्या की सुपारी 10 लाख रुपए में लिया जिसमें एडवांस के तौर पर सिर्फ 50 हजार ही मिले थे तथा उसने 5000 की राशि अपने बाइक चालक सहयोगी नीतीश को दे दिया। अपराध की दुनिया में नवेला अपराधी 7 जून को मौत का शिकार हुए प्रिंस के घर दुआर करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है। जो बताता है कि वह नशे का आदी है अगर वह सच में नशे का आदी है तो फिर पुलिस सौजन्य से जनपद के प्रत्येक थाना क्षेत्र में संचालित हो रही अवैध गाजा की दुकान क्या अपराध को बढ़ावा देने के लिए संचालित हो रही है। क्या सचमुच आज जनपद में अवैध तस्कर अपना दबदबा और जलवा कायम करते नजर आ रहे हैं । कुल के बावजूद पुलिस खुलासे में कहीं भी पशु तस्करों का जिक्र नहीं आया जो चिंता के साथ-साथ जांच का भी विषय नजर आता है।


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