लखनऊ । किसी भी शरीफ ,इज्जतदार, बेबस ,लाचार, युवा, होनहर ,वकील अथवा पत्रकार की जिंदगी को तार तार करने का सरल और सहज उपचार आज पुलिस बन चुकी है। मुर्दों को शांति भंग में पाबंद के साथ-साथ बेकसूर को मुकदमों की गिरफ्त में जकड़ने वाली पुलिस आज ना सिर्फ फायदे के लिए कायदा बिगड़ रही है बल्कि कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है।
पुलिस की हिकमत अमली और मुखबिर सूत्र से भली-भांति परिचित बेखौफ शिकारी आज बेकसूर जिंदगियों का खुलेआम शिकार कर रहे हैं । फर्जी और मनमर्जी मुकदमे में फांसी जिंदगियां कानून की गिरफ्त में फंसकर न्यायालय और जेल का चक्कर लगाती है ।
उत्तर प्रदेश के बाँदा में फिर एक बार जिस विवाहिता की हत्या के मामले में ससुराल के लोगों को वांटेड बना दिया गया । वही युवती साढ़े 3 साल बाद अपने प्रेमी संग लखनऊ में स्वच्छंद रूप से अपनी जिंदगी जीती मिली। दरअसल 24 साल की कविता की शादी विनय कुमार के साथ हुई थी। प्यार के परवान चढ़ी पत्नी और प्रेमी की दीवानगी पति के दरिंदगी का कारण बनी । जहां 2021 में कविता को किडनेप करके हत्या का आरोप लगाकर विनय और परिवार पर FIR हुई।
पुलिस ने आरोपियों को जेल की सलाखों तक का सफर करवाया। आरोपी पक्ष HC गया और जांच की मांग की। पुलिस ने तलाश की तो अपने पति विनय की जिंदगी का सत्यानाश करने वाली कविता अपने प्रेमी सत्यनारायण गुप्ता के घर रहती मिली। पुलिस ने कविता को बरामद कर लिया है।

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