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Friday, 17 August 2018

अपराध पुलिस की बपौती जनता की चुनौती

जौनपुर। विगत कई वर्षो से चली आ रही भ्रष्टाचार की प्रथा ने जहा जनमानस को झकझोर के रख दिया
वही भ्रष्टाचारियो ने हलोर के रख लिया। सरकारी विभागों तो फिर हाल अपनी हद और शरहद का ध्यान रखते हुए लूट पाट कर रहे है लेकिन पुलिस विभाग ने तो सारी  हदे तोड़ कर रख दिया है। सिर्फ माननीय सम्मानीय को सलूट और  जनता को लूट पुलिस का मुख्य ध्येय बन चुका है। ऐसे में बेदाग होते हुए भी अपनी इज्जत आबरू को बेदाग रखने के लिए जहा पुलिस जम कर धन उगाही करके मालामाल होती है वही पीड़ित जनता कंगाल होती है। यह बाते सिर्फ मै ही नहीं कई सांसद और विधायक के साथ साथ जनमानस भी कहता चला आ रहा है। सिर्फ दो पड़ोशियो के बीच एक नाली के विवाद को अपनी सूझ बूझ से पुलिस हत्या के सफर तक पहुँचती है ,और मनमानी तरीके से 1 0 या 2 0 हज़ार नहीं बल्कि 2 0 लाख तक कमाती  है। अधिकांश ग्राम प्रधान और सभासद पुलिस की हद में होते है। इसलिए कुछ इनके हितैषी बनकर खाओ और खाने दो कुछ  ईमानदार छवि वाले जाने दो की तर्ज पर जीते है। जिस कारण जब नाली विवाद के सफर में जब एक पीड़ित प्रार्थना पत्र ले कर जाता है तो हल्का पुलिस थानेदार के सामने उसकी ईमानदारी की कथा सुनाता हुए उसका हौसला बढ़ाता और चढ़ाता है फिर प्रार्थना पत्र लेकर उसको नीरस वापस भेजकर दूसरे पक्ष को भी बुलवाकर यही प्रक्रिया दोहराता है। फिर वही हल्का पुलिस दोनों को अलग अलग समय पर एक ही राय कि कुछ लोगो को जुटा  कर पड़ोसी  की जम कर पिटाई का सुझाव देता है। ऐसे में -सैया भये कोतवाल अब ड र का हे का की  तर्ज पर बेख़ौफ़ दोनों पक्ष अपना वर्चसव कायम करने की होड़ में पानी बहाने की जगह खून बहादेते है। अगर गलती से किसी एक की मौत हो जाती है तो पुलिस अपने मकसद की आंड़   में खून चूसना शुरू  करती है। पुलिस के लिए कभी हत्या  और अग्यात मुशीबत का कारण होते थे लेकिन अब अज्ञात का फन्दा जम कर पैरवी कर रहे वकील या पत्रकारो को सबक सिखाने या अपनी आँख में खटक रहे और सटक रहे दूसरे लड़को को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए किया जाता है फिर जम कर धनउगाही की जाती है। पुलिस के इस कुकृत्य में इनके उच्च अधिकारी भी शामिल रहते है जिसकारण इनको विभागी कोई डर भय नहीं होता। उच्च अधिकारियो के कारण कुछ पत्र कारों को भी खबर छपने से पहले या तो सांप सूंघ जाता है या तो अपनी बनिया की दुकान में तोड़ फोड़ के भय से ख़ामोशी छा जाती है।

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