जौनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अरमानों के विपरीत उनके वोटरों की दुर्गति कर रही जौनपुर पुलिस आज पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर के रहमो करम पर निकृष्टता के निचले पायदान पर पहुंच जाने के बाद भी धमाल मचाती नजर आती है जिसके अंतर्गत अवैध बूचड़खाना , गाजा,जूआ अड्डा,शराब, देह व्यापार जैसे रोजगार के साथ-साथ घर, मकान, जमीन, दुकान पर जबरन अवैध कब्जा तथा अपराधियों के सहयोग से व्यापारी ,व्यवसायी तथा जनमानस को लुटवाने का पुलिसिया मेल , तथा बेकसूर शरीफ ,इज्जतदार ,वकील, पत्रकार को फर्जी मुकदमों में फांसकर जेल भेजने का पुलिस खेल ही भ्रष्टाचार का मुख्य उद्देश्य बन चुका है। पुलिस के लिए सिर्फ पेशेवर अपराधी ही नहीं बल्कि स्वयं अपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले पुलिसकर्मी, पुलिस अधिकारियों को बहुत भाते हैं। इसी कारण लाइन बाजार थाना क्षेत्र में लक्ष्मी ज्वेलर्स के यहां हुई करोड़ों की डकैती में मुख्य भूमिका निभा चुके थाना प्रभारी संजीव कुमार मिश्रा आज शहर कोतवाल तो वही डकैती केंद्र से मात्र 10 कदम की दूरी पर बैठा भ्रष्ट दरोगा श्री प्रकाश राय आज मीरगंज थाना प्रभारी बन बैठा। चोर, डकैत, लुटेरों का मसीहा श्री प्रकाश राय आज भी अपराधियों का संरक्षण दाता बनकर योगी सरकार के वोटरों का भक्षण करता नजर आता है। इसी कड़ी में 29 और 30 अप्रैल 2021 की रात मीरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत चौकी कला गांव में यू बी आई वक्रांगी केंद्र पर रात्रि 10:30 बजे तीन बाइक पर सवार छह की संख्या में पहुंचे डकैतों ने डाका का सफल प्रयास किया और दरवाजा तथा सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ते हुए अंदर प्रवेश किया संपूर्ण घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद नजर आया तभी केंद्र संचालक मनोज चौहान के द्वारा छत पर चढ़कर जोर-जोर से लगाई गई बचाव की गुहार के मद्देनजर सहयोग में दौड़े ग्रामीणों की मदद से एक बाइक पर सवार दो डकैत धर दबोचे गए जबकि दो बाइक पर सवार चार अन्य डकैत भागने में सफल रहे। मौके पर पीड़ित के द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के अनुसार पहुंची पुलिस एक बाइक तथा दो डकैतों को लेकर थाने चली गई तथा सुबह पीड़ित मनोज चौहान को थाने पर आने की बात कही गई। सुबह पीड़ित मनोज चौहान जब जातिगत मंशा से दूषित और प्रदूषित भ्रष्टाचारी थाना प्रभारी श्री प्रकाश राय के समक्ष उपस्थित हुआ तो डकैतों का मसीहा अपराध का रहनुमा पीड़ितों का कातिल पीड़ित पर आग बबूला होते हुए आपा खो बैठा और बेबस लाचार पीड़ित को लॉकअप में डालकर शाम 5:30 बजे तक प्रताड़ित करता रहा इतना ही नहीं उसने पकड़े गए डकैतों को भी ससम्मान जाने दिया जो न सिर्फ पुलिस अधीक्षक की चुस्ती दुरूस्ती और मुस्तैदी की धज्जी उड़ाती है बल्कि पुलिस और अपराधियों की यारी और बेकसूर पीड़ित की दुश्वारियां को बेनकाब करती है। कुल मिलाकर रक्षक के नाम पर भक्षक हो चुकी पुलिस तथा उनके संरक्षक पुलिस अधीक्षक को आज जनमानस से ज्यादा अपराधी प्रिय और दुलारे नजर आते हैं जिनके सहयोग से अनगिनत घर ,मकान, जमीन, जायदाद पर जबरन अवैध कब्जा दिलाने के साथ-साथ बेकसूर जिंदगी के पार उतारे जाते हैं अथवा फर्जी मुकदमों का शिकार बनाए जाते हैं जो चिंता के साथ-साथ जांच का भी विषय नजर आता है।

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