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Monday, 25 August 2025

जिलाधिकारी से लगाया मैं जिंदा हूं की गुहार

जौनपुर। धड़ल्ले से संचालित हो रही भ्रष्टाचार की बयार से थक हारकर कागजों पर मृत हो चुकी तीन वृद्ध जीवित आत्माएं सशरीर कलेक्ट्रेट में सोमवार को अपने जीवित होने का प्रमाण देने पहुंच गयी । अपने गले में मैं जिंदा हूं लिखी तख्तियां लटका कर तीनों वृद्ध जिलाधिकारी से अपनी पीड़ा बयां करने पहुंचे थे।
        तीनो ने क्रमशः आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने रंजिश की वजह से उनको सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया है। पचोखर गांव के कृपा शंकर तिवारी, महंगू निषाद और मंगरु गौतम ने बताया कि जीवित होने का कोई सरकारी प्रमाण नहीं होने की वजह से उन लोगों को तमाम योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल रहा है। मृत घोषित किए गए कृपा शंकर तिवारी ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं। उनका इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल में चल रहा है। कृपा शंकर तिवारी ने कहा कि ग्राम प्रधान विनोद यादव ने रंजिश के कारण उन्हें और उनके दो साथियों को सरकारी दस्तावेजों में मृत दर्ज करवा दिया।

          उन्होंने जन सूचना अधिकार के तहत ग्राम प्रधान के कार्यों का लेखा-जोखा मांगा था। इसी कारण प्रधान ने उनकी वृद्धा पेंशन रोक दी। मंगरु निषाद ने बताया कि उन्हें पेंशन की दो किश्तें मिली थीं। पहली किश्त पर प्रधान ने दो हजार रुपये मांगे जो उन्होंने दे दिए। दूसरी किश्त पर भी पैसे मांगे गए। पैसे देने से मना करने पर प्रधान ने उन्हें मृत घोषित करवा दिया। तीनों बुजुर्गों का कहना है कि जो भी ग्राम प्रधान के खिलाफ आवाज उठाता है, उसके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। वे इस मामले में न्याय की मांग को लेकर जिलाधिकारी से मिले हैं।


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