जौनपुर। आज के जमाने में भेष बदलकर थाने में जाकर अपराध को बेनकाब करने वाले पुलिस अधिकारी एक तरफ पत्रकारों के माध्यम से शाबाशी जुटाते हैं और अपने हैरतअंगेज कारनामों से चर्चा में आते हैं तो वहीं दूसरी तरफ निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे बेखौफ पत्रकारों की बेबाक लेखनी से आहत होकर उनपर फर्जी मुकदमा दर्ज करके कानूनी चाबुक चलाते हुए कितने बेबस और लाचार हो जाते हैं इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल होता है। पुलिस अधीक्षक की चुस्ती और दुरुस्ती के नाम पर भ्रष्टाचार की बिगुल बजा रहे भ्रष्टाचारी पुलिस कर्मी बेखौफ होकर अपनी तथा विभागीय तंदुरुस्ती को दुरुस्त करते नजर आ रहे हैं। भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के लिए ला एंड आर्डर आज लूटपाट का एक सरल माध्यम बन रहा है। रुपया लेकर फर्जी और मनमर्जी मुकदमा दर्ज करके किसी भी इज्जत दार की इज्जत आबरू से खेलना पुलिस का भ्रष्टाचारी व्यापार बन चुका है। जनपद में विगत 8 वर्षों से भ्रष्टाचार की बिगुल बजा रहा भ्रष्ट जफराबाद थाना प्रभारी न सिर्फ रुपयों की खातिर ईमान बेच रहा है बल्कि जातिगत मानसिकता से दूषित और प्रदूषित होकर रुपयों की खातिर अपराध को खुला संरक्षण देता नजर आता है जिसके सानिध्य में हौसला बुलंद चोर, डकैत, लुटेरे ,बलात्कारी और चमत्कारी खुलेआम अपना करतब दिखा रहे हैं तथा वही फर्जी और मनमर्जी मुकदमों में फांसकर बेकसूर जेल भेजे जा रहे हैं । इसी कड़ी में जफराबाद पुलिस ने छेड़छाड़ के फर्जी आरोप में 20 वर्षों से प्रेक्टिस कर रहे अधिवक्ता परविंद कुमार मौर्य को 29 अप्रैल 2021 दिन बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर जेल भेजने का दमखम दिखाया ।जबकि वही भ्रष्ट थाना प्रभारी का चहेता तीन माह पूर्व घर में घुसकर किशोरी के संग बलात्कार जैसी वारदात को अंजाम देकर बेखौफ होकर जफराबाद थाना क्षेत्र में खुलेआम विचरण करता नजर आता है जिसे पुलिस अधीक्षक की चुस्ती और दुरुस्ती चाह कर भी गिरफ्तार नहीं कर पा रही वहीं रुपयों की खातिर मर चुके ईमान के आगे रिश्वतखोरों को सिर्फ एक ही समाधान रिश्वतखोरी नजर आती है जिसकी आपूर्ति करके हर अपराधिक मनसा का व्यक्ति बेखौफ होकर अपराध का परचम लहराता तथा वही बेकसूर और बेगुनाहगार पुलिस के फर्जी आरोपों का शिकार होकर जेल जाता नजर आता है।रक्षक के नाम पर भक्षक हो चुके पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक का खुला संरक्षण प्राप्त नजर आता है जिस कारण माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए फर्जी मुकदमों का आरोपी बनाकर बेकसूर, वकील, पत्रकार, व्यापारी और इज्जत दार लोगों की इज्जत आबरू को चंद रुपयों की खातिर तार-तार किया जा रहा है तथा वही असल अपराधियों को खुला सहयोग और संरक्षण देकर दोबारा से महिला तथा पुरुषों को आपराधिक वारदात का शिकार बनवाया जा रहा है जो चिंता के साथ-साथ जांच का भी विषय है।

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