लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में चुनाव करने आई महिलाओं का लाठियों के बल पर दैहिक संस्कार पुलिस इंस्पेक्टर के सानिध्य में जोर शोर से संपन्न हुआ। कलयुग में धरती की यमदूत कहे जाने वाली पुलिस की बर्बरता का शिकार प्रतिदिन अनगिनत बेबस और लाचार हो रहे हैं। आता ताई हो चुकी पुलिस अभद्रता और उद्दंडता की हदों को पार करते समय महिला और पुरुष में अंतर भी भूल जाती हैं। चुनाव के पूर्व मतदाता दिवस के नाम पर जहां वोटरों को जागृत किया जाता है और निर्भीक होकर निष्पक्ष रुप से मतदान करने की हौसला अफजाई करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की टोली पुलिस के दमखम पर जनमानस को निडर होने तथा बेखौफ होकर निष्पक्ष मतदान का ढाढस बनाती है वही जब बात निष्पक्ष मतदान की आती है तो भ्रष्टाचार के अचार का रसास्वादन कर चुकी भ्रष्टाचारी पुलिस रक्षक के नाम पर भक्षक होकर अत्याचार की हदों को पार करके महिलाओं और पुरुषों पर बेखौफ होकर लाठियां बरसाती है। जिनकी चीज और पुकार माननीय सम्माननीय के साथ-साथ जिम्मेदार पदों पर पद आसीन मठाधीश आयोग के अध्यक्षों तक पहुंचने के पहले दम तोड़ जाती है कुल मिलाकर महिला मिशन में ढोंग की सहभागिता निभा रहे पुलिसकर्मीयो की जल्लादी कार्यवाही के आगे महिलाएं पुरुषों की तरह रोती बिलखती और सिसकती नजर आती है जो चिंता के साथ-साथ जांच का भी विषय नजर आता है।

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