Sunday, 2 June 2024

माह जून में शुरू हुआ खूनी जुनून

जौनपुर। पुलिस अधीक्षक की चुस्ती और दुरूस्ती तथा मुस्तैदी की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्टाचार के आदी हो चुके भ्रष्ट
पुलिसकर्मी न सिर्फ सरकार और कानून को दागदार कर रहे हैं बल्कि अपनी हिकमत अमली के बल पर चढ़ावा खातिर खुलकर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। दीवानी न्यायालय के बंद होते ही जमीनी विवाद में मनमर्जी तौर पर कब्जा जमाने की चाहत रखने वाले पुलिस को मुंह मांगी कीमत देकर ना सिर्फ कानून के संग घिनौना खेल खेलते हैं बल्कि अपराध के बल पर जबरन अवैध कब्जा का दुशाहसिक प्रयास भी करते नजर आते हैं।

    पुलिस रूपयों की खातिर ना सिर्फ ईमान बेचकर कानून को बदनाम करती है बल्कि एक तीर से कई निशाना साधती है। पहले मुंह मांगी कीमत लेकर अवैध कब्जा धारकों को अपराध की हर सीमा लाघने का शुभ अवसर प्राप्त करती है जिसके दरमियांन अधिकांश मामलों में कुछ लहुलुहान तो कुछ अपनी जान गवाने में कामयाब होते हैं। तत्पश्चात शुरू होता है रुपया लेकर फर्जी और मनमर्जी तौर पर मनचाही धाराओं का समावेश जिसके अंतर्गत रूपयो के अनुसार न सिर्फ आपराधिक धाराएं लगाई जाती हैं बल्कि रुपया ना देने पर पीड़ित को डॉक्टरी मोआइना तो दूर थाने से दुत्कार कर भगाया जाता है। 

    अपराध पोसी के पश्चात पुलिस गर्मजोशी से कफनपोशी करती है फिर विवेचना के नाम पर मनचाही लूट का शुभ अवसर आता है। जिस कारण जनमानस में चर्चाओं के अनुसार विवेचना आज पुलिस का अवैध व्यापार बनकर रह गया जो चिंता के साथ-साथ जांच कभी विषय नजर आता है।

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