अधिवक्ता का मौत से पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जो ना सिर्फ अपराध की गाथा गा रहा है वल्कि रूपयों के लिए बिकने वाले पुलिस तंत्र को भी बेनकाब कर रहा है जिसमें अपराध का शिकार हुए घायल अधिवक्ता ने अपनी दर्द भरी दास्तां को बयां करते हुए सात लोगों पर पीटने और जहर देने का आरोप लगाया है उन आरोपियों में एक दरोगा भी शामिल है ।
अपराध पोशी के पश्चात पुलिस ने गर्मजोशी से दो लोगों को हिरासत में ले लिया है । मामला खुटहन थाना क्षेत्र के उचैना गांव का है, 45 वर्षीय मनोज सिंह पेशे से अधिवक्ता थे । उनका अपने पड़ोसियों से बाग की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था ।
परिजनों के अनुसार 23 दिसंबर को पुलिस की मौजूदगी में राजस्व विभाग ने जमीन का सीमांकन किया । इसी दौरान एक हिस्सेदार ने अन्य हिस्सेदारों के साथ मिलकर बिना अधिवक्ता की मौजूदगी में भूमि पर रास्ता निकालने का निर्णय लिया । जब मनोज ने इस फैसले का विरोध किया तो गुस्साए पड़ोसियों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया उस समय गांव वालों ने इकट्ठा होकर बीच बचाव किया।
आरोप है कि 24 दिसंबर को जब अधिवक्ता मनोज सिंह तहरीर देने थाने जा रहे थे तब आरोपियों ने उन्हें रास्ते में रोककर मारपीट शुरू कर दिया आरोप है उन्हें जबरन जहर पिला दिया इसके बाद आरोपी फरार हो गए । जहर पीने से उन्हें उल्टी होने लगी वह बेहोश होकर गिर पड़े आसपास के लोगों की मदद से परिजनों को सूचना दी गयी । परिजन मौके पर पहुंचे और उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे यहां उनकी हालत गंभीर होने पर बीएचयू भेज दिया गया ।
अस्पताल ले जाते वक्त अधिवक्ता मनोज सिंह का एक वीडियो सामने आया जिसमें वह कह रहे हैं कि पड़ोसियों ने उन्हें घेर कर मारा, जब हम चिल्ला रहे थे सबने लात घुसो से मार रहे थे मारने के बाद उन्हें जबरदस्ती जहर पिला दिए ,उन्होंने पड़ोसियों के अलावा खुटहन थाने तैनात दरोगा पर भी गंभीर आरोप लगाए वीडियो सामने आने के बाद पुलिस एक्टिव हो गई वीडियो के आधार पर पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया है मामले की जांच शुरू कर दी गई है घटना की तीसरे दिन मनोज के मौत की बाद पुलिस ने गांव में तीन थानों की पुलिस तैनात कर दी है ।
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