जौनपुर। गृहमंत्री अमित षाह के अम्बेडकर पर दिये बयान को लेकर विभिन्न दलों में रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी प्रकरण को लेकर मंगलवार को बसपा ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। इस दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। यह प्रदर्शन बसपा जिलाध्यक्ष संग्राम भारती के नेतृत्व में हुआ कार्यकर्ताओं ने हाथों में बाबा साहब का चित्र लेकर जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया।
बसपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जमीन पर बैठकर अपनी नाराजगी जताई और महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जाए। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का कहना था कि अमित शाह द्वारा बाबा साहब के बारे में की गई टिप्पणी ने न केवल डॉ. अंबेडकर का अपमान किया, बल्कि देशभर के उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो उन्हें भारतीय संविधान के निर्माता और समाजिक न्याय के अग्रणी के रूप में पूजते हैं।
बसपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि 17 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की। उन्होंने इस बयान को भारत के महान नेता के प्रति एक घोर अपमान और संविधान के निर्माता के अपमान के रूप में व्यक्त किया। उनका कहना था कि यह बयान भारतीय गणराज्य की नींव को कमजोर करने का प्रयास है, क्योंकि डॉ. अंबेडकर समानता, न्याय और लोकतंत्र के प्रतीक हैं। संग्राम भारती ने यह भी कहा कि एक संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा इस तरह के बयान बेहद गंभीर और अपमानजनक हैं।
उनके अनुसार, डॉ. अंबेडकर के नाम को कलंकित करने का प्रयास देश की सामाजिक सद्भावना के लिए खतरनाक है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा दिलवाने और उनके आपत्तिजनक बयान के लिए सार्वजनिक माफी की मांग करें। यदि सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो बसपा पार्टी देशभर में जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी।
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