जौनपुर। गौकशी का धंधा आज सवाब पर नजर आता है जहां फायदे के लिए कायदा बिगड़ना पुलिस की शोहरत बन चुका है। गौ तस्करों का विरोध कर शाहगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत हिन्दू युवा सम्राट पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव जहां परलोक सिधार गये वहीं पुलिस सहयोग से बेख़ौफ़ संचालित हो रहे अवैध व्यापार में रोड़ा बनना आखिरकार गौरक्षक को भी महंगा पड़ गया ।
संयोग वश गौरक्षक पुलिस बर्बरता का शिकार हुआ जबकि उसकी जान बच गई। जिसके अंतर्गत अधिकारियों की सह पर दीवान द्वारा कसाई की भांति गौ रक्षक की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया। आबा ढाबा में सिर्फ दीवान पर कार्यवाही पुलिसिया वाहवाही लूटती नजर आ रही है। जिले के जलालपुर थाना परिसर में एक दीवान द्वारा गौरक्षक की पिटाई का मामला सामने आया है।
आरोप है कि थाने के अंदर दीवान ने पट्टे से गौरक्षक की पिटाई की, जिससे उसकी पीठ पर लाल चकत्ते पड़ गए। घटना की जानकारी मिलते ही गौरक्षक संगठन के अन्य पदाधिकारी थाने पर पहुँच गए और विरोध प्रर्दशन किया। मामले की सूचना उच्चाधिकारियों तक पहुँचने पर तत्काल दीवान को लाइनहाजिर कर दिया गया, लेकिन संगठन के लोग इससे संतुष्ट नहीं हैं और दीवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की माँग कर रहे हैं।
बताया गया कि गौरक्षकों को सूचना मिली थी कि कुछ लोग एक पिकअप वाहन में गायों को लादकर वध के लिए ले जा रहे हैं। इस पर गौरक्षकों ने जलालपुर थाना क्षेत्र के हौज टोल प्लाजा के पास वाहन को रोककर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद वे पुलिस के साथ थाने पहुँचे, जहाँ कथित रूप से एक दीवान ने गौरक्षक संगठन के एक सदस्य को पीट दिया। पिकअप वाहन में दो गायें लदी थी। इस मामले पर थाना प्रभारी निरीक्षक विनीत राय ने बताया कि एक व्यक्ति जबरन दफ्तर में घुसने का प्रयास कर रहा था, जिसे दीवान जी पहचान नहीं पाएं और इसी कारण विवाद हुआ। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर दीवान को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
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