लेखपाल पर नांद-खूटा हटाकर कब्जा दिलाने का आरोप
जौनपुर। जिलाधिकारी न्यायालय में मुकदमा लंबित रहने के दौरान लेखपाल ने गरीब के पशुओं की नांद-खूटा आदि उखड़वाकर एक पक्ष को
कब्जा दिलाने की कोशिश की गयी। प्रकरण तहसील सदर थाना लाइन बाजार अंतर्गत ग्राम कंधरपुर का है जहां भू खंड 45 पर सैकड़ों साल से नट बिरादरी के लोग मकान बनवाकर रह रहे हैं। इस समय इस भू भाग पर केवला देवी पत्नी चइतू का कब्जा है। इनका सरकारी मदद से शौचालय भी इसी भूमि पर बना था।शौचालय पुराना होने के कारण टूट गया जिसकी मरम्मत केवला देवी करा रही थी तभी विपक्षी धर्मेन्द्र यादव ने आकर निर्माण रोकवा दिया। बाद में ज्ञात हुआ कि उक्त भूमि को वर्ष 2003 में ग्राम प्रधान ने अपने परिवार के एक व्यक्ति को आवास हेतु आवंटित कर दिया।
जानकारी होने पर केवला देवी ने जिलाधिकारी के न्यायालय में पट्टा मंसूखी का वाद दाखिल कर दिया। उक्त वाद न्यायालय में लंबित रहते हुए हल्का लेखपाल संजीत कुमार सिंह, ग्राम प्रधान शैलेन्द्र यादव, धर्मेन्द्र यादव तथा दो पुलिस कर्मियों ने ललकार कर केवला देवी की भैंस, बकरी खूंटे से छोड़कर भगा दिये तथा कंटीले तार से जमीन की घेराबंदी करने लगे।
सूत्रों के अनुसार उपरोक्त लेखपाल धन लोभान एवं प्रलोभन में आकर जनपद जौनपुर में काफी समय से दबंग एवं भूमाफियाओं को आश्रय और पराश्रय देता चला रहा है। पीड़िता देर शाम तक फरियाद लेकर उपजिलाधिकारी सदर के कार्यालय पर बैठी रही। उक्त प्रकरण में लेखपाल समेत अन्य लोगां पर कार्यवाही की मांग की गयी है।
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