जौनपुर। जिला अस्पताल में मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है। जो मरीज रेफर किए जाते हैं, वे निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हो जाते हैं। हर दिन करीब डेढ़ दर्जन मरीज वाराणसी और प्रयागराज के लिए रेफर किए जाते हैं।
जिला अस्पताल में इलाज के लिए हर दिन 1100 से 1300 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। पर्चा बनवाने के लिए लाइने लगी होती है। इनमें से कुछ ऐसे मरीज होते हैं, जिन्हें सुविधाओं के अभाव में इलाज नहीं मिल पाता। अस्पताल के जिम्मेदार लोग मरीजों को रेफर कर छुटकारा पा लेते हैं।
बेहतर इलाज के लिए मरीजों को 60 से 100 किलोमीटर तक भागदौड़ करनी पड़ती है। जिला अस्पताल की ओपीडी में दिसंबर में 172 मरीजों को इलाज नहीं मिला। इन मरीजों को ट्रॉमा सेंटर वाराणसी या प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया गया। इसमें 50 से अधिक मरीज सड़क हादसे के हैं। 27 मरीज हृदय संबंधी मरीज थे। शेष मरीज मारपीट और अन्य बीमारियों के रहे। हर रोज तमाम मरीज अस्पताल से रेफर किए जाते हैं, जिनका अस्पताल के रजिस्टर में नाम तक दर्ज नहीं होता है।
जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ समेत चिकित्सकों के कई पद खाली हैं। इसके चलते मरीजों को समय से इलाज नहीं मिल पाता है। कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं है। इसके चलते मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ता है।
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