सूत्रों के अनुसार यशवंत वर्मा सपरिवार छुट्टियां मनाने दिल्ली से कहीं बाहर गये हुए थे, तभी दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास में भीषण आग लग गई ।
घर पर मौजूद कर्मचारियों ने आग बुझाने के लिये फायर ब्रिगेड को बुलाया ,आग बुझाने के दौरान जब एक कमरा खोला गया तो फायर सर्विस के कर्मचारियों की आँखे फ़टी की फटी रह गयी क्योंकि कमरा नोटो से भरा हुआ था । आग की लपटों से कुछ नोटे जल गयी थी ।
फायर कर्मियों ने इस की सूचना अपने अधिकारियों को दी मामला अति संवेदनशील था इसलिये वरिष्ठ अफसरों ने देश के CJI संजीव खन्ना को इसकी सूचना दी और CJI संजीव खन्ना ने तत्काल कोलीजियम की अपात बैठक बुला कर मामले को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा को तत्काल दिल्ली हाई कोर्ट से वापस उनके मूल हाईकोर्ट इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया ।
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